रघुवर रामलीला में भगवान हनुमान ने फूंकी सोने की लंका


बागपत। श्री रघुवर रामलीला समिति ठाकुर द्वारा मंदिर बागपत में लंका दहन, विभिषण शरणागति,बाली वध व रावण अंगद संवाद की लीला का मंचन किया गया। राम सीता को खोजने के लिये हनुमान को अपना दूत बनाकर लका में भेजते है, जहाँ राम नाम का जप करते हुई हनुमान जी की भेंट विभिषण से होती है। वह हनुमान जी को बताते है कि माँ सीता अशोक वाटिका में त्रिजटा नाम की राक्षसनी के कड़े पहरे में है। वहाँ हनुमान पूरी अशोक वाटिका को उजाड़ देते है। राम की दी हुई निशानी सीता माँ को देकर वहां से चले जाते है तो अक्षय कुमार हनुमान जी को बंदी बनाकर रावण के दरबार में लाते है। उसके बाद रावण हनुमान जी की पूछ में आग लगाकर विभीषण को अपमानित कर अपने दरबार से निकल देता है। 

अपमानित होकर विभीषण राम की शरण में चले जाते है और राम लंका का राजा विभीषण को घोषित कर देते है। राम युवराज अंगद को दूत बनाकर रावण के पास संधि का प्रस्ताव भेजते है तो रावण व अंगद में जबरदस्त संवाद होता है। अंगद भरे दरबार मे रावण को ललकारते हुए कहते है कि भरी सभा में अगर कोई भी मेरा पैर उठा दे तो रामा दल हार स्वीकार कर लेगा। 

जब कोई भी योद्धा अंगद का पैर हिला भी नही पाता तो जैसे ही रावण अंगद का पैर उठाने के लिये आगे बढ़ता है तो अंगद अपना पैर उठा लेते है और कहते है कि तुम्हे प्रभु राम जी के पैर पकड़कर माफी मांग कर सीता को वापस लौट दे तो वह तुम्हे माफ कर देंगे। रावण के इनकार करने पर युवराज अंगद युद का ऐलान कर देते है। इस मौके पर अध्यक्ष संजय रुहेला, महामंत्री प्रकाश चौधरी, ओमप्रकाश वर्मा, सुभाष लखेरा,संजय, सुजीत, नीरज, सौरभ, सोनू, विशाल, इलू, रवि, रोहित, काकू, दीपक गुप्ता आदि थे।
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