साईं दाता रहबर ने जीवों का उद्धार किया, कर रहे हैं और करते ही रहेंगे: पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां

सुरेंद्र मलनिया

बरनावा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से आनलाइन गुरुकुल के माध्यम से जुड़ी देश-विदेश की साध-संगत को बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार महीने की बधाई दी। पूज्य गुरु जी ने रूहानी सत्संग के दौरान सच्चा सौदा क्या है और साईं जी ने इसे किस बनाया है, के बारे में खुलकर बताया। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने पंजाब के जिला फिरोजपुर स्थित सैदे के मोहन नामचर्चा घर सहित अन्य स्थानों पर हजारों लोगों का नशा व सामाजिक बुराईयां छुड़ाकर उन्हें गुरुमंत्र प्रदान किया गया। वहीं सोमवार रात्रि यानी एक नंवबर को भी पूज्य गुरु जी बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज के जन्म महीने के आगमन पर ऑनलाइन गुरुकुल पर लाइव हुए और समस्त साध-संगत को अवतार माह की बधाई दी। पावन अवतार माह के उपलक्ष्य में इस दौरान करोड़ों साध-संगत ने हाथ खड़े कर दो प्रण भी किये। जिसमें पहला 'हर काम अपने सतगुरु को को हाजिर-नाजिर मानकर करेंगे' और दूसरा 'कभी नेगटिव नहीं सोचेंगे और नेगटिव विचार आने पर सुमिरन करेंगे'। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने समस्त साध-संगत को अपना आशीर्वाद भी दिया।

                    पूज्य गुरु जी ने साध-संगत को पूज्य बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार माह की बधाई देते हुए फरमाया कि आज वो महीना चढ़ा है, जिसकी वजह से सच्चा सौदा बना है। साईं दाता रहबर शाह मस्ताना जी महाराज ने इस महीने में अवतार लिया और जीवों का उद्धार किया, कर रहे हैं और करते ही रहेंगे। पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि साईं जी ने ऐसे-ऐसे घर जो नरक बन गए थे, जहां नशा बर्बादी का आलम था, जहां शराब की बोतले, तरह तरह के नशे बबार्दी की ओर ले जा रहे थे, घरों को बर्बाद कर रहे थे, उन्होंने (शाह मस्ताना जी महाराज) ऐसा राम-नाम की युक्ति बताई, उन्होंने ऐसा राम-नाम का बाजा बजाया कि वो सारे नशे भाग गए और वो घर फिर से स्वर्ग बन गए। तो ऐसे सच्चे साईं का जन्म महीना शाह मस्ताना जी दाता का आज शुरू हुआ है, तो सबको बहुत-बहुत हो, बहुत-बहुत आशीर्वाद। पूज्य गुरु जी ने कहा कि आप सब साईं जी के बताए गए वचनों को फॉलो करें। उन्होंने ने ही वचन किए थे, किए हैं और करते ही रहेंगे। क्योंकि करण करावन हार वो दाता रहबर शाह सतनाम, शाह मस्तान हैं। तो आप अमल किजिये, यकीन मानिए खुशियों का आलम जरूर आपके घरों में, आपके जिस्म में महसूस ही नहीं होगा बल्कि वो समाज का भला करेगा। 

सच्चे दाता के उपकारों का ऋण चुकाया नहीं जा सकता

पूज्य गुरु जी ने कहा कि सच्चे दाता के रहमोकरम, सच्चे दाता के गुणों का बखान किया नहीं जा सकता और किए हुए पर उपकारों का ऋण नहीं चुकाया जा सकता। पूज्य गुरु जी ने कहा कि आप सोच के देखिए राक्षस बुद्धि को देव बुद्धि से भी आगे ले जाना इतना बड़ा चेंज और वो भी थोड़े से शब्द देकर करना, अपने आप में बेमिसाल, बेमिसाल है। दाता जी ने रहमोकर्म के मालिक ने जो समझाया, जो बताया उसी की चर्चा हम हमेशा करते रहते हंै और वो ही करवा रहे हैं, वो ही करवाते थे और वो ही करवाते रहेंगे। 


सच्चे सौदे में छुड़ाया जाता है नशा

रूहानी सत्संग में पूज्य गुरु जी ने सच्चा सौदा क्या और इसका क्या मकसद क्या है? के बारे में बताते हुए फरमाया कि सच्चा ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम है। वो सच था, सच है और सच रहेगा, वो ना बदला था, ना बदला है और ना कभी बदलेगा। जिसे ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड कहा जाता है। इसलिए सच्चा का अर्थ हो गया परमात्मा और सौदा यानी बिजनेस, व्यापार। पूज्य गुरु जी ने कहा कि कौन सा सौदा? सौदे से लगता है सौदेबाजी चलती है। जी हां यहां कौन-सी सौदेबाजी चलती चलती है? के बारे में स्पष्ट करते हुए फरमाया कि सच्चा सौदा में आप अपने बुरे कर्म ले आओ, आप नशा रूपी जितनी बुराइयां करते हो, बुरी आदतें ले आओ, अरे अपने पाप गुनाह ले आओ और ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु की कृपा से शाह सतनाम, शाह मस्ताना की कृपा से यहां दे जाओ और बदले में अनमोल राम का नाम, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड का नाम ले जाओ। घर में बैठकर उसका जितना आप जाप करते रहोंगे, उसे जितना लगाते रहोगे दिलो-दिमाग रूह पे, उतना ही चेहरे पर नूर आएगा। घर में बरकते आएगी। साथ में बिजनेस, व्यापार जो भी काम धंधा आप करते हो उनमें आपको और तरक्की हासिल होंगी। यानी ये सच्चा सौदा का सौदा है।

सच्चा संत दूसरों का भला करने के लिए करते हैं प्रेरित

पूज्य गुरु जी ने सच्चे दान के बारे में फरमाते हुए बताया कि सच्चा सौदा में और कोई चढ़ावा नहीं चढ़ाया जाता। क्या कोई यहां (सच्चा सौदा) पैसे की बात नहीं होती, जी जरूर होती है। जिसमें प्रेरित किया जाता है कि सच्चा दान कौन सा है। सच्चा सौदा यानी सच से ही शुरू करते है सच्चा दान कौन सा है। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हमारे सभी धर्मो में दान निकालने की पर्था है। हमारे संत, पीर, पैगंबर, गुरु, साहिबान और महापुरुषों ने समय के मुताबिक दान के रूप में कोई तीसरा, कोई सातवां, कोई दसवां, कोई पन्द्रवां हिस्सा निकालने की चर्चा करते हैं। उन्होंने सही और सच कहा है। हां समय के अनुसार इनका रेसों कम ज्यादा होता रहता है। लेकिन वो सच है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि आप जितना दान निकालते हैं उसे या तो अपने घर में रखों यहां फिर जो संत-सतगुरु पूर्ण हो और वो कहे कि फ्लां जगह लगाओ। वहीं पूज्य गुरु जी ने बताया कि जो संत पूर्ण होते हंै वो दान बेसहारों का आसरा बनाने में, दीन-दुखियों का इलाज कराने में, दुनियावीं ज्ञान के साथ राम-नाम से जोडऩे पर, नशेडिय़ों का नशा छुड़वाने पर या फिर ऐसी जगह बनाने पर खर्च कराते हंै जहां आकर बैठकर लोग राम-नाम गा सके। 

इंसानियत की सच्ची सेवा करना सिखाते हैं डेरा सच्चा सौदा के 143 मानवता कार्य

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि ठेके खुलते हंै और वहां कोई चर्चा ही नहीं होती, इसलिए ऐसी जगह खोलों जहां पर बैठकर राम-नाम का नशा हर कोई ले सकें। अल्लाह, वाहेगुरु के नाम का नशा ले सके, ऐसी जगह बनाओ। दूसरे शब्दों में पैसे को अपने घर में रखों या फिर संत-पीर फकीर ऐसा कहें या आप खुद देखों आपके इर्द-गिर्द कोई दुखी, परेशान, दर्द से तडफ़ता हुआ पशु, पक्षी, परिंदा या इन्सान मिल जाए पहले तौर पर जाकर उसका इलाज कराओ। दूसरा कोई बेटी है, आज के समाज के एकोर्डिंग, बड़ा अजीबो-गरीब समय आ रहा है। किसी के पास इतना पैसा नहीं है, मजबूर है कि बेटी की शादी नहीं कर पा रहा, जाओ उसकी मदद करके बेटी की शादी कराओ, कोई मजबूर है, अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता है, लेकिन पैसा नहीं है, जाओ किताबे देकर,उसकी फीस भरके उसकी शिक्षा पूर्ण कराओ ताकि वो बच्चा अपने पैरों पर खड़ा हो और अपने घर का फैसला खुद करेगा। यानी वो पूरे घर को स्वर्ग बना देगा, वो पूरे घर को पार उतारा कराएंगा। पूरे घर का एक स्तंभ बन जाएगा। जिसके चलते उनको रोटी के लाले नहीं पड़ेंगे। इसलिए आपने एक को नहीं बल्कि पूरे घर को ही बदल के रख दिया थोड़ से दान से। इस तरह तो हमने 134 कार्य शुरू किए थे वो आज बढ़कर 143 हो चुके हैं। ये सारे कार्य उसी लिए बनाए गए है। वो सारे धर्मों से ताल्लुक रखते हंै। ताकि आपका फायदा हो। 

सही जगह पर किया गया दान, आपके घर में लाता है सुख-समृद्धि

पूज्य गुरु जी ने दूसरों का भला करने से इन्सान का खुद का कैसे फायदा होगा, के बारे में समझाते हुए फरमाया कि सही जगह पर अगर दान कर दिया जाए, तो वो पैसा कई गुणा बढ़के सुख, समृद्धि बनके घर में आता है, दया मेहर राम की लेकर आता है। पूज्य गुरु जी ने इसी पर उदारण देते हुए कहा कि अगर आपकी औलाद को कोई गाड़ी के नीचे आने से बचा ले और अगर आप एक अच्छे इन्सान हो तो उसे कहेंगे कि तूने मेरे बेटे को बचाया मैं पूरी उम्र तेरा कर्जदार हो गया। उसी प्रकार आपके बच्चे को जिसने बचाया उसके लिए इतनी भावना आ गई, अगर आप भगवान की औलाद को कोई न कोई सहयोग करोंगे, उसको बचाओगे तो क्या भगवान आदमी से कमजोर है। वो भी कोई कमी नहीं छोडेगा और खुशियों के ढेर लगा देगा। ये है सच्चा दान अगर कर सको।

आज सच बोलना अपने आप में बहुत बड़ा चेलेंज

पूज्य गुरु जी ने फरमाते हुए कहा कि सच बोलो, सच पे चलो और सच की पेरवाई करो। हालांकि सच बोलना आसान बात नहीं है। बच्चों के आगे इन्सान झूठ बोलता रहता हैं, मियां-बीवी एक-दूसरे के आगे झूठ बोलते रहते है। मां-बाप के सामने झूठ,मां-बाप बच्चों के आगे झूठ, कई तो इतना ठोकते हंै कि उन्हें यह नहीं पता चलता कि सच कौन-सा है। आज के दौर में सच बोलना अपने आप में एक बहुत बड़ा चेलेंज है। उसे कोई मालिक का प्यारा ही मंजूर कर सकता है, मालिक का प्यारा ही निभा सकता है। सच्चे सौदे में जिदंगी जीने का सही रास्ता सिखाया जाता है। इसके अलावा सच्चे सौदे में जीव हत्या नहीं करना, नशे नहीं करना सिखाया जाता है। साथ में बचपन में आप मालिक के नाम से जुड़ सकते है, सच्चे सौदे में यह सिखाया जाता है। ताकि वो एक ऐसा वट वृक्ष बन जाए। जिसकी खुशबू से पूरा समाज महक उठे।  

बचपन और जवानी में जो राम-नाम से जुड़ जाते है वो अव्वल दर्जे के भक्त कहलाते हैं

पूज्य गुरू जी ने सच्ची जवानी क्या होती है, सच्चा बचपन क्या होता है के बारे में बताते हुए कहा कि बचपन में जो राम-नाम से जुड़ जाते हैं, जवानी में भी जो राम-नाम से जुड़ जाते है वो अपने आप में अव्वल दर्जे के भगत कहलाते हैं। वो समय बताता है,वो चाहे ध्रुव हो या प्रहलाद हो, जिनका नाम आज भी अमर है और अमर ही रहेगा। तो बचपन व जवानी की भक्ति सर्वोत्तम मानी जाती है। क्योंकि उस आयु में फिसलने का डर ज्यादा रहता है। हालांकि अब कलियुग आ गया है जिसमें तजुबेर्दार ज्यादा फिसल रहे हंै। 

पूज्य गुरु जी बोले, हमें भारतीय होने पर गर्व

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हम सभी को गर्व करना चाहिए कि हम भारतीय है, क्योंकि हमारा जैसा कल्चर जो हमारे सारे धर्मों और वेदों ने बताया, ऐसी सभ्यता, ऐसा कल्चर पूरी दुनिया में कहीं भी नही है। तो हमें गर्व होना चाहिए। पूज्य गुरु जी ने कहा कि हमें बेइंतहा गर्व है कि हम उस देश में जन्म लिया जिसकी संस्कृति नंबर वन पर है। हमने उस देश में जन्म लिया जिसमें पाक-पवित्र वेद पढ़े जाते है, सिखाए जाते हंै और जहां सारे धर्मो के पवित्र ग्रंथों की रचना हुई है। जो हमारे धर्मो को एक नई दिशा देने के लिए प्रहरी का काम ही नहीं एक महापुरुष का काम कर रहे है। गुरु,पीर, पैगंबर का काम कर रहे है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि लेकिन उन पवित्र वेद व धर्मों को कोई पढ़ नहीं रहा, उनपर कोई अमल नहीं कर रहा, इसलिए पीर-फकीर आते है और गुरु, पीरों, महापुरुषों की बात सुनाते है और सिखाते है कि हमारा धर्म क्या कह रहा है।

सच्चे सौदा में सिखाई जाती हैं, सच्ची बातें

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि किसी भी धर्म में नहीं लिखा कि शराब पीयो, तंबाकू खाओ, ड्रग, चिट्टा-काला नीला, पीला जो भी आ गया है। सब नशे बर्बादी का घर हंै। ये सच्ची बात सच्चे सौदा में सिखाई जाती है। सच्ची बाते हंै, राम की बाते है, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड की बाते है और इसलिए ये कड़बी उन्हीं को लगती है जो नशे के व्यापारी है, जो ढोंग ढकोसला करता है,जो बुरे कर्म करता है, उसको लगता है कि मेरी सारी दुकानें बंद हो जाएगाी। सारे इसपे अमल करने लग गए, अगर सारे लोग अपने-अपने धर्मो को मानने लग गए तो फिर नशे की तो कोई जगह ही नही हैं। पूज्य गुरु जी ने कहा कि नशे को छुड़ाना ऐम है सच्चे सौदे का। क्यंू है ये ऐम, के बारे में बताते हुए कहा कि जो मालिक की औलाद है, वो सच्चे सौदे के संत-पीर फकीर की भी औलाद होती है। वैसे हर संत की औलाद होती है। क्योंकि भगवान को सबकुछ मानता है, उसकी जितनी भी औलाद है, सृष्टि में जितने भी आदमी, इन्सान, पशु, पक्षी यानी जितने भी लोग है, जितने भी जीव-जंतु है सारे भगवान की औलाद है। इसलिए नैचुरली संत की औलाद हो गए। हमे बहुत दर्द होता है कि हमारी औलाद राम-नाम का नशा छोड़कर गंदगी खा रही है। जब हमारे बच्चे नशा छोड़कर जाते है तब हमें खुशी मिलती है। इसलिए सच्चा सौदा में सच्चा नशा राम-नाम का दिया जाता है और गंदे नशे को छुड़ाया जाता है। 

सभी धर्म दया, दीनता, नम्रता और दया करके क्षमा करना सिखाते हैं

पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि हम हिंदु, मुस्लिम, सिख, इसाई यानी सभी धर्म के नुमाइंदों से आह्वान करते हैं कि हम सभी मिलकर चलते हंै कि पहले समाज को तो गंदगी रूपी नश से साफ कर लें, बाकी की बातें बाद में कर लेंगे। एक बार हम नशा छुड़ाए, एक बार हम निंदा-चुगली छुड़ाए, एक बार हम मांसाहार छुड़ाए, जो बुरा है। जिसका धर्मों में कहीं जिक्र नहीं है। सारे मिलकर चलिए। हम सारे धर्मों का बेहद सत्कार करते हैं और धर्मों को मानने वालों को हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे हैं। पूज्य गुरु जी ने कहा कि हम किसी धर्म वाले को हुक्म नहीं दे रहें, बल्कि प्रार्थना कर रहे हंै। मगर हमारे धर्म हमें हुक्म कर रहे हंै, हमारे गुरु, पीर पैगंबर हुक्म दे रहे हैं। क्योंकि कई जगह तो उनके (गुरु साहिबानों) पालतु जीव जंतुओं ने भी नशे की तरफ मुंह तक नहीं किया था। गुरु साहिबानों और महापुरुषों के जो भी भगत है, संत, पीर पैंगबर के जो भी भक्त हैं हम हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हंै कि चलिए, उठिए हम सब मिलकर इस नशे रूपी दैत्य को भगा दें। ताकि अपना समाज स्वस्थ हो जाए और अपना धर्म पवित्र हो जाए। तथा हर कोई धर्म के गीत गाए। ना की घर-घर नशे की चर्चा हो। पूज्य गुरु जी ने कहा कि घर-घर राम-नाम की चर्चा हो, घर-घर अल्लाह, गॉड की चर्चा हो। हमारा काम प्रार्थना करना है। ना कि किसी को हुक्म देना है। हुक्म तो हम उस परम पिता परमात्मा का मानते हंै। 

सतगुरु शाह सतनाम, शाह मस्ताना दाता जो जैसे चला रहे हैं। आपके सब के लिए चाहे वो छोटा हो या बड़ा हो हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि हम सब इस राक्षस को जो दैत्य है नशे के रूप में और पूरे समाज में फैलता जा रहा है, हमारी जवानियों को, हमारे बच्चों को, छोटे-छोटे नन्हें-नन्हें बचपन है उनको खत्म करता जा रहा है। तो चलिए, उठिए जागिए और इसको रोकिए। यहीं आप से प्रार्थना है और साईं जी का यही सच्चा सौदा है। यहां पर दया, दीनता, नम्रता, दया करके क्षमा करना यह सिखाया जाता है। यहां कभी किसी को किसी का बुरा करने की प्रेरणा तो दूर कल्पना करना भी नहीं सिखाया जाता। ये है साईं शाह सतनाम, शाह मस्तान जी का सच्चा सौदा।

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