हर्षोल्लास के साथ मनाया गया पावन भंडारा।

ठिठुरती ठंड भी नहीं रोक पाई श्रद्धालुओं का उत्साह।

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया पावन भंडारा।

मुख्य संवाददाता / सुरेन्द्र मलनिया

बरनावा। डेरा सच्चा सौदा आश्रम की दूसरी पातशाही शाह सतनाम सिंह जी महाराज का पावन 104वां अवतार महा उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड की साध संगत द्वारा आज शाह सतनाम सिंह जी आश्रम बरनावा बागपत उत्तर प्रदेश में बड़े ही हर्षोल्लास एवं धूमधाम से मनाया। रात्रि में नाम चर्चा का आयोजन हुआ, श्रद्धालु रात भर डीजे एवं ढोल धमाकों की मधुर धुनों पर नाच गाकर मस्ती मनाते रहे। बहनों द्वारा सुंदर-सुंदर परिधानों में बैंड बाजों के साथ जागो भी निकाली गई।

डेकोरेशन समिति के सेवादारों द्वारा आश्रम को रंग-बिरंगे झंडो, पूजनीय गुरु जी की आकर्षक स्वरूपों, रंग बिरंगी लड़ियों एवं गुब्बारों से भव्य रुप से सजाया गया। श्रद्धालुओं को ठंड से बचाने के लिए सेवादारों द्वारा जगह जगह अलाव की व्यवस्था की गई, रात्रि में ठहरने के लिए रजाई गद्दों युक्त बंद पंडालों की व्यवस्था की गई।


पूज्य गुरु संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान द्वारा चलाई जा रहे मानवता भलाई के कार्यों को गति प्रदान करते हुए विभिन्न स्थानों से आए 104 अति जरुरतमंद भाई बहनों को एक माह का राशन वितरित किया गया। भंडारे की नाम चर्चा का आयोजन उत्तर प्रदेश के 45 मेंबर रामकुमार इंसान द्वारा किया गया। कविराज भाइयों द्वारा संगीत की मधुर धुनों पर पूजनीय गुरु जी के अवतार महा से संबंधित वजन लगाकर साध संगत को भक्ति भाव से सरोवार कर दिया। बड़ी-बड़ी एलईडी सस्क्रीनो के माध्यम से श्रद्धालुओं को पूजनीय गुरु जी के रिकॉर्डिंग वचन सुनाए गए। पूज्य गुरु जी द्वारा गए नए नए भजनों पर साध संगत ने नाच नाच कर खूब खुशियां मनाई।

पूज्य गुरुजी ने सर्वप्रथम लाखों की तादाद में आई हुई साध संगत को परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के पावन अवतार महा की मुबारक बाद एवं आशीर्वाद देते हुए शाह सतनाम सिंह जी महाराज के पावन जीवन परिचय से साध संगत को अवगत कराया। गुरुजी ने फरमाया कि जब बुराइयां चरम सीमा पर थी पाखंड का बोलबाला था, जात धर्म के नाम पर लड़ाई झगड़े अत्यधिक थे तब परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज ने गांव गांव शहर शहरों में जाकर सत्संग लगाकर बिना किसी भेदभाव के राम नाम के द्वारा लाखों लोगों की बुराइयां छुड़ाकर उनको प्रभु भक्ति में लगाकर मानवता की सेवा में लगाया।

पूज्य गुरु जी ने साध संगत से आह्वान किया कि गांव शहरों में नौजवानों को प्रेरित करके नशे रूपी दैत्य को जड़ से खत्म करके प्रभु परमात्मा की भक्ति से जोड़कर इंसानियत की सेवा में लगाना है। पूज्य गुरु जी ने कोरोना वायरस कि फिर से भारत में दस्तक को दृष्टिगत रखते हुए साध संगत को घरों में भी एवं तेल के दीए जलाने, मास्क पहनने, योग करने एवं प्रोटीन युक्त भोजन करने के भी निर्देश दिए। 

पूज्य गुरुजी ने फरमाया के अल्लाह प्रभु परमात्मा एक है और वह कण-कण में समाया है उस कण में हमारा शरीर भी है, इधर-उधर ना घूमकर प्रभु परमात्मा के नाम के द्वारा इंसान अपने घर ग्रस्त में रहता हुआ अपने अंदर से ही अपनी भावनाओं को शुद्ध करता हुआ प्रभु परमात्मा के दर्श दीदार के काबिल बन कर मोक्ष मुक्ति को पा सकता है। पूज्य गुरु जी ने नौजवानों को देशभक्ति के लिए भी प्रेरित किया। पूज्य गुरुजी ने फरमाया कि हमारा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है हमारा उद्देश्य सभी समाज वर्गों के लोगों को नफरत बुराइयां, नशे छुड़वा कर प्रभु परमात्मा से जोड़ना है। पूज्य गुरु जी ने स्वस्थ्य दिनचर्या के बारे में भी साध संगत को विस्तृत रूप से बताया। पूज्य गुरुजी ने फरमाया कि भगवान दाता है वह मांगता नहीं है वैसे सभी की खाली झोलियां अपनी रहमत से भरता है, पाखंडी लालची लोगों ने उसे मंगता बना रखा है।

कुछ भाइयों द्वारा अपने करिश्मे कि किस प्रकार भयानक दुर्घटना में जहां पर उनकी मौत निश्चित थी पूज्य गुरुजी ने रहमत करके उनकी जान बचाई, कैंसर जैसी भयानक बीमारी को कैसे प्रसाद देकर खत्म किया, श्रद्धालु के समक्ष सांझा किए।

उल्लेखनीय है कि 40 दिन की पैरोल के दौरान जब पूज्य गुरुजी बरनावा आश्रम में रहे थे तो नशे को जड़ से खत्म करने के लिए डेफ्थ मुहिम के तहत *जागो जागो दुनिया के लोगों नशा जड़ से कुटना,सॉन्ग लांच किया था,जिसे यू ट्यूब पर करोड़ों लोगों ने पसंद ही नहीं किया था अपितु अनेको सरपंचों, प्रधानों ने अपने अपने क्षेत्रों में नशों को जड़ से खत्म करने की मुहिम चलाई और अनेकों भाईयों ने इस मुहिम के तहत नशे छोड़ दिए,इसका चित्रण वीडियो भी साध संगत की दिखाई गई।

पूज्य गुरु जी द्वारा भेजा गया पत्र भी साध संगत को पढ़कर सुनाया गया।बिना दान दहेज के बहुत ही सादगी से वरमाला डलवाकर एक शादी भी करवाई गई।ट्रैफिक समिति के सेवादारों द्वारा साध संगत के समस्त वाहनों को निर्धारित पार्किंग में खड़ा कराया गया।भंडारे के पश्चात लंगर सेवा समिति के सेवादार भाई बहनों द्वारा कुछ ही समय में लाखों की तादाद में आई हुई साध संगत को प्रसाद भोजन लंगर खिला दिया गया।

Previous Post Next Post