महिलाओं का सम्मान का पर्व-8 मार्च

 महिलाओं का सम्मान का पर्व-8 मार्च

सुरेंद्र मलनिया

       अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस दुनियाभर में 8 मार्च के दिन मनाया जाता हैं। इस दिन नारी शक्ति को सम्मानित किया जाता हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, 2022 (IWD 2022) की थीम 'डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी' हैं l पहला राष्ट्रीय महिला दिवस 28 फरवरी 1909 को संयुक्त राज्य अमेरिका में मनाया गया था, जिसे सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में 1908 के परिधान श्रमिकों की हड़ताल के सम्मान में समर्पित किया था। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जैसे कार्यक्रमों के आयोजन का मूल उद्देश्य नारियों को न केवल सशक्त जागरूक करना है बल्कि उन्हें समाज की उन्नति के लिए आगे आने के लिए प्रेरित करना भी हैं। 



       भारतीय समाज में प्राचीनकाल से ही स्त्री पुरुष समानता के साक्ष्य हैं तथा नारी महिमा से इतिहास भरा पड़ा हैं। यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता की परम्परा हमारे ग्रंथों में लिखी गई हैं जिसका अर्थ है जहाँ महिलाओं का सम्मान किया जाता हैं वहां देवता निवास करते हैं । इस तरह हम कह सकते है कि हमारी संस्कृति में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक सम्मान दिया गया हैं। वर्तमान भारत में भारतीय नारी हर क्षेत्रो में पुरुष के साथ कदम मिलाकर चल रहा है।

        महिलाओं को सम्मान देने के लिए, महिला दिवस एक विशेष पर्व है। एक राष्ट्र में एक महिला की विशेष भूमिका होती है । महिलाओं को आज का पुरुषप्रधान समाज कमजोर समझ रहा है जिस कारण महिलाओं की पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाते है। नारी देवी की प्रतिमूर्ति होती है। जो हर परस्थिति को सहन कर प्रेमभाव का विकास करती है। आज हमें मानसिक चिंतन कर महिलाओं के प्रति सम्मान और प्रेमभाव प्रकट करना चाहिए।

     अधिक महिलाओं को शिक्षित होने और रोजगार तलाशने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाकर और लैंगिक समानता को उजागर करने वाले पाठ्यक्रम को बदलकर इसे पूरक बनाने की आवश्यकता है। जब तक ऐसा नहीं किया जाता, समग्र रूप से समाज उनकी आधी आबादी के साथ अन्यायपूर्ण रहेगा।

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