मेरठ। मेरठ में इंजीनियरिंग के छात्र से मोबाइल लूट के मामले में पकड़े गए आरोपितों की पुलिस ने कुंडली खंगाली तो दंग रह गए। पांच साल में आरोपित 10 हजार मोबाइल बेच चुके हैं। अब तो उनको लूट की गिनती भी याद नहीं है। आसपास के जिलों में रोजाना ही पांच से छह मोबाइल फोन लूट की वारदात को अंजाम देते थे। सरगना की तलाश में दबिश दी जा रही है।
50 लाख कीमत के 108 मोबाइल
रविवार को कंकरखेड़ा के होटल बिग्गीज के सामने से बदमाशों ने इंजीनियरिंग के छात्र वंश से मोबाइल लूट लिया था। पुलिस ने देहलीगेट में पूर्वा फय्याज अली निवासी हासिम के घर से छात्र के मोबाइल समेत 50 लाख कीमत के 108 मोबाइल और उपकरण बरामद किए थे। इसके बाद पुलिस ने विशाल निवासी माधवपुरम थाना ब्रह्मपुरी और अजय निवासी सुपरटेक परतापुर को पकड़ लिया। उन्होंने बताया कि माधवपुरम के रहने वाले मोहित ने गैंग बना रखा है।
दिल्ली के मेट्रो स्टेशन पर बेचता था
मोहित मोबाइल लूट कराने के बाद हासिम के घर पर बने गोदाम में मोबाइल रखवा देता था। इसके बाद मुजम्मिल निवासी सीलमपुर वेलकम मेट्रो स्टेशन दिल्ली को बेच देता है। मुजम्मिल मोबाइल की विदेश में सप्लाई करता है। साथ ही कुछ मोबाइल के उपकरण निकाल कर दिल्ली की गफ्फार मार्केट में बेच देता है।
इनकी अभी की जा रही तलाश
कंकरखेड़ा थाना प्रभारी ने बताया कि मोहित, अमित और मजम्मिल की तलाश की जा रही है। बरामद मोबाइल की आइएमईआइ रनिंग कराई जा रही है। शुरुआती जांच में पता चला कि आरोपित हजारों मोबाइल लूट चुके हैं। करीब 10 हजार तो उन्होंने बेच ही दिए हैं।
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गिरोह का सरगना मोहित माधवपुरम का रहने वाला है। वहीं पर मोबाइल तस्कर शरद गोस्वामी भी रहता था। पुलिस अब मोहित का कनेक्शन शरद से खंगाल रही है, कहीं उसके गिरोह का ही तो वह सदस्य नहीं है। या फिर उसके साथ कभी काम किया हो। जेल जाने के बाद अपना काम करना शुरू कर दिया। पुलिस पूरी तरह से पड़ताल में जुट गई है।