स्कूलों में पढ़ाया जाए सभी धर्मों का संदेश, इंसानियत की शिक्षा लागू हो: पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां

 *स्कूलों में पढ़ाया जाए सभी धर्मों का संदेश, इंसानियत की शिक्षा लागू हो: पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां* 

*- ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से पूज्य गुरु जी ने बड़ी संख्या में छुड़वाया लोगों का नशा व बुराइयां*

*-- सवालों के रूहानी जवाब देकर जिज्ञासाओं को किया शांत* 

सुरेंद्र मलनिया

बरनावा। 

मंगलवार को शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा उत्तर प्रदेश से पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने ऑनलाइन गुरूकुल के माध्यम से देश-विदेश से जुड़ी करोड़ों साध-संगत के अध्यात्मिक, रूहानियत, हेल्थ, शिक्षा, सहित दुनियावीं सवालों का रूहानी जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। इससे पूर्व पूज्य गुरु जी ने कोहिनूर पैलेस, रीडगंज, अयोध्या (उत्तर प्रदेश), नामचर्चा घर अर्कपुर, कुशीनगर, (उतरप्रदेश), संबोली टीला, गोकुलपुर, (दिल्ली), द गंगा ग्रीन्स रिसोर्ट, डबवाली रोड, सरसा (हरियाणा), राजमहल पैलेस, बरवाला हिसार, (हरियाणा) में बड़ी तादाद में लोगों को नशे रूपी दैत्य सहित अन्य सामाजिक बुराइयों से छुटकारा दिलाया और परमात्मा के नाम की भक्ति इबादत व इंसानियत की नि: स्वार्थ सेवा करने के लिए प्रेरित किया। ऑनलाइन गुरूकुल के दौरान विभिन्न गाँवों की पंचायतों के सरपंचों और पंचों सहित गणमान्यजनों ने नशों के खिलाफ चलाई गई 'डेप्थÓ मुहिम के लिए पूज्य गुरु जी का आभार जताया। इसके साथ ही उन्होंने अपने गाँवों से नशे के दैत्य को मिटाने के लिए ठीकरी पहरा लगाने सहित सभी जरूरी कदम उठाने का संकल्प लिया। पूज्य गुरु जी के आह्वान पर डेरा श्रद्धालुओं ने हाथ उठाकर ये दोनों संकल्प लिए।  


*- शिक्षा में इन्सानियत का पाठ भी शामिल हो* 

इस दौरान ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से पूज्य गुरु जी ने एक सवाल का जवाब देते हुए देश के राजा से प्रार्थना करते हुए फरमाया कि स्कूलों में इंसानियत की शिक्षा की पढ़ाई जरूर होनी चाहिए। पाठयक्रमों में अगर इन्सानियत का पाठ भी शामिल हो जाए तो बहुत अच्छा होगा। ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ अच्छा इन्सान भी सकें और वो शैतान ना बनें। आप जी ने फरमाया कि वो हमारी पवित्र गीता का भी संदेश हो सकता है। पवित्र कुरान शरीफ का, पवित्र गुरबाणी का, पवित्र बाइबल का भी हो सकता है। सभी धर्मों के पवित्र संदेश पढ़ाए जाएं ताकि बच्चा इन्सान बने, शैतान ना बने। बड़ा होकर राक्षस प्रवृति का ना बने। इन्सानियत उसमें जिंदा रहे ये सब्जेक्ट स्कलों में जरूर होना चाहिए। बाकी जो सब्जेक्ट चल रहे हैं उनको प्रैक्टिकली करवाएं तो अच्छा है। यानि उनसे लिखवाओ, उनसे बुलवाओ और फिर इमेज बनाना सिखाओ। इससे बढिय़ा कुछ और नहीं हो सकता।

*- डिजीटल फास्टिंग: दो घंटे जरूर दें परिवार को समय* 

एक डेरा श्रद्धालु ने पूज्य गुरु जी से सवाल पूछते हुए कहा कि ''आपने जो मानवता भलाई का नया कार्य 'डिजिटल फास्टिंग' शुरू किया है क्या उसमें 7 से 9 के बीच हम सत्संग या शब्द सुन सकते हैं।'' इस सवाल का जबाव देते हुए आप जी ने फरमाया कि ''हमें नहीं लगता कि आप 2 घंटे लगातार शब्द सुन पाएंगे और सत्संग सुन पाएंगे, ठीक है आप 10-15 मिनट सुमिरन कर लें, आधा घंटा सुमिरन कर लें, लेकिन कम से कम 1 घंटा तो परिवार को भी जरूर दें, और इससे एक और बात याद में आई कि हमारे सत्संगी विदेशों में गए हुए हैं। लेबर क्लास भी हैं, बहुत सारे बच्चे ऐसे भी हैं जो दिहाड़ी-मजदूरी वहां कर रहे हैं। उनके लिए हो सकता है ये टाइम थोड़ा मुश्किल लगता हो 7 से 9 का। तो वो टाइम आप एडजस्ट भी कर सकते हैं, अपनी नौकरी के अनुसार। लेकिन अपने परिवार को दो घंटे समय जरूर देना हैं। 

*- कोई कितना भी बुरा करें, आप दीनता, नम्रता न छोड़ें*

स्वाति बांसल ने अपने सवाल में पूछा कि ''पूज्य गुरू जी अगर कोई हमें हर बात पर नीचा दिखाए और हर काम में जलन करे तो उसका हमें क्या जवाब देना चाहिए''। आप जी ने इसका जवाब देते हुए फरमाया कि आप हमेशा दीनता, नम्रता, प्यार, अपनाकर रखें, कहीं न कहीं उसे भी समझ आएगी कि मैं इसको नीचा दिखाना चाहता हूँ, लेकिन यह रिएक्ट ही नहीं करता। आप किसी बात पर रिएक्ट ही मत करो, ये सोचो ही मत कि कोई आपके साथ कुछ कर रहा है, आप अपने लक्ष्य की ओर चलते जाओ, आगे बढ़ते जाओ, वो जितना आपको नीचा दिखाना चाहेगा, उतना ही आप ऊँचे जाएंगे, आगे बढ़ेंगे

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