बड़ौत नगर निवासी दीक्षार्थी संभव संभव जैन दीक्षा ग्रहण करके बने सर्वत्यागी संभव मुनि।

नगर निवासी दीक्षार्थी संभव संभव जैन दीक्षा ग्रहण करके बने सर्वत्यागी संभव मुनि।

सुरेंद्र मलनिया। 

बड़ौत।  नगर में आयोजित जैन भागवती दीक्षा महोत्सव के अंतिम दिन बड़ौत निवासी संभव जैन, जैन सन्यास ग्रहण करके सर्व त्यागी नव दीक्षित संभव मुनि के रूप में विख्यात हो गए। उन्हें दीक्षा का पाठ शुभ मुहूर्त में तपस्वी धन्ना मुनि महाराज ने अपने मुख से ग्रहण कराया ! हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ इस दीक्षा महोत्सव को देखने के लिए उमड़ पड़ी ! बड़ौत नगर के लिए आज का दृश्य अभूतपूर्व रहा।

महोत्सव के दौरान दीक्षार्थी संभव जैन के निवास पर उनके मस्तक पर केसर तिलक कर उनके परिजनों माता, पिता, दादा, दादी, चाचा, चाची इत्यादि ने उन्हें वीर थाल अर्पित कर घर से अंतिम विदाई दी ! उसके पश्चात वे वही बने हुए मंच पर तिलक हेतु विराजमान हो गए। हजारों श्रद्धालुओं ने उनके मस्तक पर केसर तिलक कर शुभकामनाएं दी! दीक्षा महोत्सव के मुख्य संयोजक डॉ अमित राय जैन ने उनको गोदी में उठाकर दीक्षा की बग्गी पर आरूढ़ किया।






उनके भाइयों ने सामूहिक रूप से परिजनों के साथ उनके साधु वेश को चांदी की पालकी में सवार कर कंधों पर उठाकर शोभा यात्रा को प्रारंभ किया! अत्यंत भव्य घोड़ों की बग्गी में संभव जैन आज लाखों लोगों को राजकुमारों की तरह दर्शन दे रहे थे।

ऋषभदेव सभागार में आयोजित दीक्षा महोत्सव को संबोधित करते हुए तपस्वी धन्ना मुनि महाराज ने कहा कि संभव जैन का त्याग संपूर्ण समाज एवं संसार के लिए अत्यंत आश्चर्यजनक घटना है! जहां आज भौतिक संपदा धन-संपत्ति में युवा भटक रहे हैं, वहीं संभव जैन ने नवयुवक अवस्था में जैन सन्यास ग्रहण कर आज के समाज को आईना दिखाया है।  मोती मुनि महाराज, जंबू मुनि महाराज,  विभावना महाराज, साध्वी करुणा महाराज ने भी संबोधित किया। 

दीक्षा महोत्सव शोभायात्रा में बैंड बाजों के साथ राज्यश्री वेशभूषा में दीक्षार्थी संभव जैन ने बड़ौत नगर की आम जनता को दर्शन देते हुए त्याग का संदेश दिया ! शोभायात्रा भगवान महावीर मार्ग, नया बाजार, अतिथि भवन, गांधी रोड होते हुए ऋषभदेव सभागार पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई! वहां पर उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए दीक्षार्थी संभव जैन ने कहा कि मुझे वैराग्य प्राप्त होने का एक कारण संसार की नश्वरता का बोध होना भी है, क्या मेरा अनुकरण कर शेरों के जैसे राजमार्ग पर मेरे साथी युवा भी चलेंगे! मैं सभी को प्रेरित करता हूं कि वह संसार सागर से तिराने वाले जैन संन्यास को धारण करें।

संभव जैन के त्याग से प्रेरित होकर 34 लोगों ने आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लिया।

दीक्षा महोत्सव में एक खास बात यह रही कि संभव जैन के आजीवन तप त्याग के मार्ग को देखकर 34 लोगों ने आजीवन ब्रह्मचर्य का अखंड व्रत सभा में सार्वजनिक रूप से ग्रहण किया। उनके हाथों से ही दीक्षार्थी संभव जैन को अभिनंदन पत्र समर्पित कराया गया।

धर्म सभा की अध्यक्षता शिखर चंद शहजाद राय जैन ने की, अध्यक्ष अमित जैन रहे। सभा में राज्य मंत्री संजीव सिक्का, डॉ दुष्यंत राणा चेयरमैन, कमल जैन इनकम टैक्स कमिश्नर, नवीन जैन आईएएस, सुरेंद्र जैन विद्या प्रकाशन, विनय जैन बसंत हैंडीक्राफ्ट, राजीव जैन राष्ट्रीय महामंत्री जैन कान्फ्रेंस गाजियाबाद रमेश चोपड़ा बालोतरा, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इनके अलावा शिखर चंद जैन, संजय जैन, अनुराग जैन, मूलचंद जैन, वीरेंद्र जैन, नीरज जैन, अनिल जैन आदि लोगों ने संपूर्ण व्यवस्था संभाले रखी।

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